बच्चों की मौत के मामलों में बिहार ने दिखाया दम, एक तिहाई कमी
सेहतराग टीम
बिहार रूरल लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (बीआरएलपीएस) के ‘जीविका मिशन’ ने हाल ही में नीति आयोग के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जिसके अनुसााारर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) एवं बिहार सरकार की पहल से बिहार में बाल मृत्यु में एक तिहाई कमी आई है। दरअसल बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) ने पिछले कुछ सालों पहले एक कार्यक्रम शुरू किया था जिसके तहत महिलाओं एवं शिशुओं में पोषण के स्तर को बेहतर बनाना था।
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की भारत की ब्रांच के पोषण मामलों के प्रमुख डा. आलोक रंजन ने पत्रकारों को बताया कि महिलाएओं में पोषण के प्रति जागरूकता फैलाना हमारी योजना का प्रमुख हिस्सा है और इसके तहत बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में जमीनी स्तर पर हमने खास पहल की और इसमें प्रदेश सरकार का भी सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि बिहार के हर जिले में हर महीने की सात तारीख को ‘गोद भराई’ कार्यक्रम, हर महीने की 19 तरीख को ‘अन्नप्राशन कार्यक्रम’ आयोजित किया जाता है और महिलाओं को पोषण एवं पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जाती है ।
वहीं पीसीआई के भारत में सहायक निदेशक इंद्रजीत चौधरी ने बताया कि महिलाओं को ‘पोषण वाटिका’ लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। इसके तहत महिलाएं अपने घर के पास छोटा सा बाग तैयार करती है और उसमें साग सब्जी लगाती हैं। इसके बाद बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल ने इस बारे में एक अध्ययन किया जिसमे पाया गया कि महिलाओं में जागरूकता बढ़ने से वह अपने बच्चों के भोजन में प्रोटीनयुक्त और पोषक तत्वों से भरपूर आहार को शामिल कर रही हैं।
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